शुक्रवार, जुलाई 29, 2022

साहिर

222 222 1222 1122
आँखों में सब कुछ है कहीं ज़ाहिर न मिलेगा।
ये सब पढ़ने में कोइ अब माहिर न मिलेगा।।

अफसाने मत ढूँढो मिरे खाबों के चरागों।
इनको पढ़ने वाला ओ अब साहिर न मिलेगा।।
             -अनूप कुमार अनुपम









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