शनिवार, जुलाई 30, 2022

ताले

221 122 212 2
हर घर में यही लाले पड़े हैं।।
गोरे हैं तो क्यों काले पड़े हैं।।

खाने को तो इक दाना नहीं है।
गोदामों में क्यों ताले पड़े हैं।।
      
         -अनूप कुमार अनुपम



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