रोम रोम में तुझको बसाया
प्यार का तूं कोई गीत सुनाए
अक्छर अक्क्षर मुझको सिखाए
मुझ में आके ओ घुल जाए
वन वन डोले मन मन डोले
नैनन की तू भाषा बोले
डोल के सारा जग थक जाए
रंग रंग में तू है पगली
संग संग में तु है पगली
मुझको भी रहना सिखलाये
एक रंग है एक संग है
दोनो को अब एक पसंद है
आओ मिलकर गीत ये गाएं
प्यार का तूं कोई गीत सुनाएं
-अनूप कुमार अनुपम
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