शुक्रवार, जुलाई 20, 2018

कहां आ गए हैं नहीं कुछ खबर है।

कहां आ गए हैं नहीं कुछ खबर है
हुआ आज कैसा य मुझ पे असर है।।  
   
खनकती जहां थी ये पायल निगोड़ी।
वहीं पर बसा आज मन का नगर है।।

इशारों मे खंजर अदा कातिलाना।
निशाने पे हम हैं निशाना नजर है।।

हमेशा धड़कता है दिल सुन के् आहट।
जमीं पे कहीं तूं थिरकती अगर है।।
 
कहां जिंदगी कुछ सुनेगी हमारी।
चला हूं अकेला अकेली डगर है।।

                    -अनूप कुमार अनुपम

       

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