सोमवार, जून 04, 2018

मैं कविता नहीं लिखता तेरी तस्वीर बनाता हूं‌

मैं कविता नहीं लिखता तेरी तस्वीर बनाता हूं
अपने लहू के रंगों से कागज पे लकीर बनाता हूं

बादल सी उतरे धरती पे दिल मेरे तूं कोहरा बन के।
मैं खयालो की दुनिया में उसको कश्मीर बनाता हूं।

                           -अनूप कुमार अनुपम







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