रविवार, मार्च 08, 2020

शेर


               दाग छूटे न सारा ज़माना प्रिये।।
             रंग ऐसा ही हमको लगाना प्रिये।।
                     -(अनूप कुमार अनुपम)
      
         सुब्ह ओ वादियों की महकती हुयी।।
        इन फज़ाओं में जाने कहाँ खो गयी।।
                        -(अनूप कुमार अनुपम)
 
      बात दिल की हमेशा ओ दिल में रही।।
 उसको किसने सुना उसको किसने कही।।
                       -(अनूप कुमार अनुपम)
       

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