बुधवार, नवंबर 28, 2018

गीत सब तुम्हारे हैं

गा रहे हैै् हम मगर ये गीत सब तुम्हारे हैं।
साज साज कह रहे संगीत सब तुम्हारे हैं।।

नफरतों के् इस समर में प्यार की नसीहत है।
दिल से् तुम मिलो गले ये मीत सब तुम्हारे हैं।

अनूप कुमार अनुपम 

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