उस पायल की झनकार सुन सब लोग हुए मतवाले हैं
सब फेंक दिए हथियार
उन्होंने जो भी सराफत वालें हैं
सरक जाये न सर से चुनरी ये तो क़यामत
वालें हैं
समा कहीं ये बदल न
जाये ये सूरज ढलने वालें हैं
तेरी घटा से बूंद गिरे तो हम लोग पिघलने
वाले हैं
पिला दे सबको भर-भर
प्याला सब लोग हुए दिवाले हैं
तेरी चाहत में सब तड़फे ये तेरी
मोहब्बत वाले हैं
उस पायल की
झनकार सुन सब लोग हुए मतवाले हैं
–अनूप कुमार अनुपम
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