सोमवार, मार्च 12, 2018

फिरते पागल जैसे हैं

  उसने देखा एक नज़र फिरते पागल जैसे हैं।
धूप से आँच लगे न मुझको छाये बादल जैसे हैं।

पँखुड़ियों से होठ तुम्हारे चले कहीं बाहों के सहारे।
खोये हैं हम खाब में जिनके ओ लगते मखमल जैसे हैं।

कब से तरसी हैं निगाहें तुझे बुलायें मेरी पनाहें।
ऐ मन्जिल तेरी राहों में हम लिपटे आँचल जैसे।

बहती हुई ये मधुर हवायें कुछ ज़ख्म नये पिरोती हैं।
हैं बसे हुए आँखों में मेरे ओ दिखते काजल जैसे हैं।

गीत ग़ज़ल सब तेरी बातें घुट घुट कर करती हैं रातें।
चाहत है उन क़दमों की बंधे उस पायल जैसे हैं।
                            -अनूप कुमार अनुपम 

पलकों के शामियाने में एक पैगाम लिखा था



 पलकों के शामियाने में एक पैगाम लिखा था।
  जब उनको हमने सलाम लिखा था।


नुमाइस जो हमारे अंदाज तक चुरा ले गए हैं।
         बदले में ये दिल इनाम रखा था।


 ये भटकती हवाएं खुसबू वहीँ से लातीं हैं
     जहाँ पे हमने कभी गुलदान रखा था


      ओ चेहरे इश्क के बादशाह निकले।
      दीवानेपन में जिन्हें अनजान रखा था।


 ये मदहोशियों के इशारे उन्हीं के थे।
 कभी दिन को रात और सुबह को शाम लिखा था।
 
                 -अनूप कुमार अनुपम 

उस पायल की झनकार सुन सब लोग हुए मतवाले हैं



     उस पायल की झनकार सुन सब लोग हुए मतवाले हैं
    सब फेंक दिए हथियार उन्होंने जो भी सराफत वालें हैं

     सरक जाये न सर से चुनरी ये तो क़यामत वालें हैं
    समा कहीं ये बदल न जाये ये सूरज ढलने वालें हैं

     तेरी घटा से बूंद गिरे तो हम लोग पिघलने वाले हैं
    पिला दे सबको भर-भर प्याला सब लोग हुए दिवाले हैं

     तेरी चाहत में सब तड़फे ये तेरी मोहब्बत वाले हैं 
     उस पायल की झनकार सुन सब लोग हुए मतवाले हैं
                         अनूप कुमार अनुपम 

अब लगती तू परायी है ,ये नयी चेतना आयी है

दिवाली आई है


                  चले आओ दिवाली आयी
  सपने मैंने सजोंकर रखे थे बस तेरी उम्मीदों  पर
  आकर घुल जायेंगे तुझमे अबकी बार तीजों पर
    प्रीत भरे इस उपवन में तु नए पुष्प खिलाई है
                      चले आओ दिवाली आयी है

    मिटटी का एक दीप बनाकर सपनों की बाती बिछाकर
   तेरी याद में सावन बीते अब दिल में दीप जलायी है
                  चले आओ दिवाली  आयी है

शाम ये ढलने से पहले दीप ये बुझने से पहले
अपने लव में समा लो मुझको ऐसा अवसर लायी है
           चले आओ दिवाली आयी है

                                                                          -अनूप कुमार अनुपम
                                                                       Kavitamanki.blogspot.com

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