अब फूलने फलने में बड़ी देर लगेगी।।
गुलशन सा महकने में बड़ी देर लगेगी।।
चलती न बगीचों में हैं मुद्दत से हवाएं।।
ख़ुशबू को बिखरने में बड़ी देर लगेगी।।
उम्मीदे वफ़ा रखना न दुनिया में किसी से।।
पत्थर हैं पिघलने में बड़ी देर लगेगी।।
मुश्किल हो डगर फिर भी तुम्हें चलना है बचकर।।
गिरने व संभलने में बड़ी देर लगेगी।।
पौरुष पे भरोसा करो हिम्मत नहीं हारो।।
तक़दीर संवरने में बड़ी देर लगेगी।।
चट्टान बने बैठे हो तुम तो मेरे हमदम।।
दिल बनके धड़कने में बड़ी देर लगेगी।।
बदले हुए तेवर हैं ये बदली हुई रुत ने।।
हमको तो बदलने में बड़ी देर लगेगी।।
-अनूप अनुपम
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