बुधवार, जून 30, 2021

दुश्मनी है तो दोस्ती होगी

           दुश्मनी है तो दोस्ती होगी।।
         मौत के बाद ज़िन्दगी होगी।।

      यूँ ही तन्हा मिलो तो अच्छा है।
        बज़्म में ख़ाक शायरी होगी।।

             तीरगी ही रहे तो बेहतर है।
 गर जली शम्म'अ ख़ुद-कुशी होगी।।

       कर ले तौबा तू अब गुनाहों से।
  वरना दोज़ख़-सी सर ज़मीं होगी।।
  
           अम्न है अम्न ही रहे क़ाइम।
         जंग होगी तो आख़िरी होगी।।
       
        आशिक़ी का वज़ूद है इस से ।
      दिल लगा है तो दिल्लगी होगी।।

अनूप कुमार 'अनुपम

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