मुहब्बत का पूरा असर देखना है।।
कसक जो इधर है उधर देखना है ।।
अदायें दिखाकर किया जिसने घायल।
छिपी है कहाँ ओ नज़र देखना है।।
-अनूप कुमार अनुपम
मुहब्बत का पूरा असर देखना है।।
कसक जो इधर है उधर देखना है ।।
अदायें दिखाकर किया जिसने घायल।
छिपी है कहाँ ओ नज़र देखना है।।
-अनूप कुमार अनुपम
छप्पर में हमारे हमें आराम बहुत है।। मिलता यहाँ पे हमको विश्राम बहुत है।। शहरों में खिली सुब्ह मुबारक रहे तुमको।। मुझको तो मेरे गाँव की ये...